छत्तीसगढ़ की भौगोलिक सीमा
- छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल 1,35,194 वर्ग किलोमीटर है. छत्तीसगढ़ भारत के क्षेत्रफल का 4.11% है
- छत्तीसगढ़ का भारत में दसवां स्थान है.
- छत्तीसगढ़ राज्य भारत के प्रमुख पठार का हिस्सा है.
- छत्तीसगढ़ राज्य की आकृति समुद्री घोड़ा के समान है.
- छत्तीसगढ़ राज्य देश की सात राज्यों की सीमाओं से जुड़ी है.
- छत्तीसगढ़ की पूर्व सीमा उड़ीसा से लगी हुई है, जिससे जसपुर, रायगढ ,महासमुंद ,गरियाबंद ,धमतरी ,कोंडागांव, बस्तर एवं सुकमा जिलास्पर्श करती है.
- छत्तीसगढ़ की पश्चिम उत्तर से मध्य प्रदेश की सीमा लगी हुई है, जिससे बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, बिलासपुर, ,मुंगेली ,कवर्धा एवं राजनांदगांव जिला स्पर्श करती है.
- छत्तीसगढ़की पश्चिमी सीमा से लगा हुआ है महाराष्ट्र इस से राजनांदगांव, कांकेर, नारायणपुर ,बीजापुर जिला स्पर्श करता है.
- छत्तीसगढ़ के दक्षिण पश्चिम सीमा से लगा हुआ है तेलंगाना जिससे बीजापुर जिला स्पर्श करता है.
- छत्तीसगढ़ के उत्तर पूर्व में झारखंड जिससे बलरामपुर जिला स्पर्श करती है .
- उत्तर में उत्तर प्रदेश बलरामपुर जिला स्पर्श करती है.
- छत्तीसगढ़ के दक्षिण में आंध्र प्रदेश सुकमा जिला स्पर्श करती है.
- छत्तीसगढ़ की सबसे लंबी सीमा को छूने वाला राज्य उड़ीसा है.
- राज्य की सबसे कम सीमा छूने वाला राज्य आंध्र प्रदेश है .
- छत्तीसगढ़ में 13 जिलों को पूर्ण रुप से अनुसूचित क्षेत्र में शामिल किया गया .
- छत्तीसगढ़ से लगा हुआ सबसे बड़ा राज्य क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश .
- छत्तीसगढ़ में लगा हुआ सबसे छोटा राज्य क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखंड .
- छत्तीसगढ़ की सबसे अधिक अंतर्राज्यीय सीमा वाला जिला बलरामपुर .
- छत्तीसगढ़ की सबसे कम अंतर्राज्यीय सीमा वाला जिला धमतरी .
- बलरामपुर जिला जिसकी सीमा 3 राज्यों को स्पर्श करती है .
- छग एक पूर्णत:भुआवेश्ठित राज्य है ,जिसकी सीमा न तो किसी समुद्र अंतराष्ट्रीय देश को स्पर्श करती है.
तीन राज्यों के सीमा को स्पर्श वाले जिले
- बलरामपुर- मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं झारखंड को स्पर्श करती है.
- सुकमा- उड़ीसा ,तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश को स्पर्श करती है .
दो राज्यों के सीमा को स्पर्श वाले जिले
- जशपुर -झारखंड एवं उड़ीसा को स्पर्श करती है
- राजनांदगांव- मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र को स्पर्श करती है .
- बीजापुर- तेलंगाना एवं महाराष्ट्र को स्पर्श करती है.
जनजाति विवाह
अपहरण विवाह युवक द्वारा युवतियों को भगाकर विवाह किया जाता है, पायसोतुर विवाह भी कहते हैं. यह बस्त्तर के गोड़ो में सर्वाधिक प्रचलित है.
दूध लौटावा विवाह ममेरे फुफेरे भाई बहनों का विवाह कराया जाता है.
विनिमय विवाह इसे गुरावट विवाह भी कहते हैं वर वधू का आदान प्रदान किया जाता है .यह समस्त जनजातियों में होता है.
हठ विवाह लड़की द्वारा जबरदस्ती लड़के के घर जाकर विवाह करना .यह कोरवा जनजाति ठुकू विवाह कहलाता है.
पेडुल विवाह लड़का लड़की के घर बारात लेकर जाता है .यह सामान्य विवाह होता है .यह समस्त जनजाति में प्रचलित है.
पठौनी विवाह लड़की बारात लेकर लड़का के घर जाती है .यह गोंड जनजाति में प्रचलित है.
भगेली विवाह लड़की लड़के के घर जबरजस्ती जाकर रहती है.यह माड़िया जनजाति मैं होती है .
सेवा विवाह वर द्वारा वधू मूल्य चुकाने हेतु लमसेना में सेवा देना .इसे लमसेनाविवाह भी कहते हैं.
तीर विवाह उचित वर ना मिलने पर कन्या का विवाह तीर के साथ कर दिया जाता है यह बिंझवार जनजाति में प्रचलित है.
अरउतो विवाह इसे विधवा विवाह भी वह भी कहते हैं.
क्रय विवाह यह विवाह वधू मूल्य देकर विवाह करते हैं .इसे पारिंगधन विव…
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